एनएचएम(नेशनल हेल्थ मिशन) कर्मचारी संघ ने हरियाणा सरकार के उस फैसले का स्वागत किया है जिसके तहत सरकार डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को महामारी के इस दौर में दोगुना वेतन देगी। मगर संघ ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर इस दोगुने वेतन को लेने से इनकार कर दिया है।
एनएचएम कर्मियों का कहना है कि वे सरकार के इस फैसले का तहे दिल से आभार जताते हैं। इस फैसले से इस महामारी के दौरान पूरी शिद्दत के साथ अपनी ड्यूटी में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों का हौसला जरूर बढ़ेगा। मगर संकट की इस घड़ी में उनका जमीर उन्हें इजाजत नहीं देता कि वे अपने काम के बदले दोगुना वेतन लें।
एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष रिहान रजा ने बताया कि प्रदेश में हर महीने एनएचएम कर्मचारियों का वेतन करीब 30 करोड़ रुपये बनता है। सरकार से आग्रह है कि एनएचएम कर्मचारियों को दिए जाने वाले दोगुने वेतन राशि का इस्तेमाल कोरोना पीड़ितों की राहत में किया जाए। अध्यक्ष रिहान ने कहा कि उनकी सरकार से सिर्फ इतनी मांग है कि हमेशा अग्रिम पंक्ति में खड़े रहकर प्रदेश और प्रदेशवासियों की सेवा करने वाले एनएचएम कर्मचारियों का सरकार बस भविष्य सुनिश्चित कर दे।
उन्होंने कहा कि सभी एनएचएम कर्मचारी महामारी के रोकथाम और उपचार के लिए राष्ट्र सर्वोपरि की भावना को अपने दिलों में लेकर फील्ड में उतर कर काम कर रहे हैं। उनके अनुसार पुलवामा हमले के दौरान भी उनके संगठन ने शहीद परिजनों की मदद के लिए 20 लाख रुपये दिए थे।
अब इस महामारी के दौरान भी सभी कर्मचारियों से विचार विमर्श करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि इस महामारी में सेवा देने के बदले एनएचएम कर्मचारी राष्ट्र व जनहित में दोगुना वेतन नहीं लेंगे। अंत में उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि हरियाणा सरकार एनएचएम कर्मचारियों का वेतन टुकड़ों में देने की बजाय एकमुश्त राशि में उपलब्ध करवाना भी सुनिश्चित करे।