देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में बेरोजागार लोगों को तादात तेजी से बढ़ रही हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बेरोजगारी के जो आकंडे विधानसभा में पेश किए वो परेशान करने वाले हैं.
एक सवाल के जवाब में उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने 14 फरवरी 2020 को विधानसभा में लिखित में बताया कि पिछले साल 12.5 लाख बेरोगार लोगों की संख्या बढ़ी है, जो पिछले दो साल में बढ़कर 34 लाख हो गई है. मौर्य ने बताया कि 7 फरवरी 2020 तक 33.93 लाख बेरोजगार लोगों को पंजाकृत किया गया है. इस बात की जानकारी यूपी सरकार के श्रम मंत्रालय के पोर्टल पर भी अपलोड की गई है.
उत्तर प्रदेश में पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं की तादात 30 जून 2018 तक 21.39 लाख थी. इसके हिसाब से दो साल में 58.43 फीसदी बेरोजगारी की दर बढ़ी है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार यूपी भारत का सबसे ज्यादाआबादी वाला प्रदेश है, जिसकी 20 करोड़ से भी अधिक आबादी है. जो देश की कुल आबादी का 16 प्रतिशत हिस्सा है.
सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के अनुसार अगर उत्तर प्रदेश में 2018 और 2019 की तुलना की जाए तो 2019 में 18 की तुलना में बेरोजगारी की दर दोगुनी हो गई है. उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ने का औसत लगाया जाए तो यह 9.91 प्रतिशत सालाना बैठता है. 10 फीसद बेरोजगारी की बात करें तो 100 में 10 लोग बेरोजगार हैं.
Unemployment: उत्तर प्रदेश में 34 लाख लोग हुए बेरोजगार, देखें चौंकाने वाले आंकड़े
उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की दर को देखें तो वह देश की बेरोजगारी की दर से ज्यादा है. क्योंकि देश में बेरोजगारी की दर 7.7 है, जबकि उत्तर प्रदेश में 9.91 है.